Cloud Computing Kya hai: क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है, क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे और नुकसान

Cloud Computing Kya hai: क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है, क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे और नुकसान

क्लाउड कम्प्यूटिंग टेक्नोलॉजी के द्वारा आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन से इंटरनेट के माध्यम से किसी भी जगह पर बिना अपने डाटा और एप्लीकेशन को ले जाए उन्हें एक्सेस कर सकते हैं इस लेख में आज हम बताएंगे की क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है, Cloud Computing Kya hai, क्लाउड कम्प्यूटिंग के फायदे और नुकसान क्या क्या हैं, क्लाउड कम्प्यूटिंग कितने प्रकार के होते हैं आदि।

Cloud Computing Kya hai: क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है, क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे और नुकसान


क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है?

क्लाउड कंप्यूटिंग Cloud Computing Kya hai एक ऐसा टेक्नोलॉजी है जिसमें आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर अपनी डाटा या एप्लीकेशंस को सेव करने की जगह इंटरनेट पर Hosted Server का उपयोग करते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से आप अपने डेटा को secure तरीके से स्टोर कर सकते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार कभी भी उन्हें एक्सेस कर सकते हैं इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से आपको अपने डेटा या एप्लीकेशन को मैनेज करने के लिए ज्यादा पैसा नहीं खर्च करना पड़ता है क्योंकि इसका सबसे बड़ा फायदा है कि आपको खुद का सर्वर रखने की जरूरत नहीं होती है।


क्लाउड क्लाउड कंप्यूटिंग कितने प्रकार के होते हैं?

क्लाउड कंप्यूटिंग के कई प्रकार होते हैं नीचे कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं Cloud Computing Kya hai

पब्लिक क्लाउड(Public Cloud):

पब्लिक क्लाउड एक ऐसा Cloud Computing Kya hai क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल है जिसमें आप अपने डेटा और एप्लीकेशंस को इंटरनेट पर पोस्टेड सर्वर पर सेव करते हैं इस मॉडल का इस्तेमाल करने के लिए आपको एक थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर की जरूरत पड़ती है जिसके सरवर पर आप अपने डेटा और एप्लीकेशंस को स्टोर करते हैं इस मॉडल का इस्तेमाल करने से आपको खुद का सरवर रखने की जरूरत नहीं होती है और आप अपने डेटा और एप्लीकेशंस को किसी भी जगह पर और किसी भी समय पर एक्सेस कर सकते हैं

 प्राइवेट क्लाउड (Private Cloud): 

प्राइवेट क्लाउड एक ऐसा क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल है जिसमें आप अपने डाटा और एप्लीकेशंस को खुद के सर्वर पर स्टाल करते हैं। इस मॉडल का इस्तेमाल करने से आपको अपने डेटा और एप्लीकेशंस को सिक्योर तरीके से स्टोर करने का पूरा कंट्रोल होता है और आप अपने डेटा और एप्लीकेशंस को कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।

हाइब्रिड क्लाउड (Hybrid Cloud): 

हाइब्रिड क्लाउड एक ऐसा क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल है जिसमें आप पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड का कंबीनेशन यूज़ करते हैं इस मॉडल का इस्तेमाल करने से आप अपने डाटा और एप्लीकेशन स्कोर सिक्योर तरीके से स्टोर कर सकते हैं और उन्हें एक्सेस करने के लिए आपको किसी भी जगह पर और किसी भी समय पर फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है।

कम्युनिटी क्लाउड(Community Cloud): 

कम्युनिटी क्लाउड एक ऐसा क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल है जिसमें लोग अपने डेटा और एप्लीकेशंस को एक ही प्लेटफार्म पर स्टोर करते हैं इस मॉडल का इस्तेमाल करने से आप अपने डेटा और एप्लीकेशंस को शेयर कर सकते हैं और उन्हें किसी भी जगह पर और किसी भी समय पर एक्सेस कर सकते हैं। Cloud Computing Kya hai

इन प्रकार के अलावा भी कुछ और प्रकार होते हैं जैसे कि multi-cloud, mobile cloud, big data cloud आदि।


क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करने के फायदे

क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करने के फायदे और नुकसान दोनों हैं तो आइए सबसे पहले हम लोग फायदे के बारे में जानते हैं:

मापनीयता (Scalability):

क्लाउड कंप्यूटिंग की सबसे बड़ी फायदा यह है कि आप अपने जरूरत के अनुसार अपने रिसोर्सेज को बढ़ा या घटा सकते हैं इसका मतलब है कि आपको कभी भी कोई ज्यादा रिसोर्सेज की जरूरत पड़ने पर आप बहुत आसानी से additional resources ऐड कर सकते हैं और जब रिसोर्सेज की जरूरत कम हो जाए तो उन्हें remove भी कर सकते है। Cloud Computing Kya hai

कम लागत (Cost-effective): 

क्लाउड कंप्यूटिंगसे आपको इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्चा नहीं उठाना पड़ता है, इसके बजाय आप अपने जरूरत के हिसाब से रिसोर्सेज का उपयोग कर सकते हैं। आपको केवल उसी रिसोर्सेज का भुगतान करने होते हैं जो आपने इस्तेमाल किया है

आसानी से पहुंच (Accessibility): 

क्लाउड कंप्यूटिंग की मदद से आप कहीं से भी अपने डेटा और एप्लीकेशंस को एक्सेस कर सकते हैं बस आपको इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है। इससे आपकी टीम के मेंबर काम को कहीं से भी कर सकते हैं और आपको भी अपनी टीम के साथ collaboration करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

आपदा रिकवरी(Disaster recovery): 

क्लाउड कंप्यूटिंग की मदद से आप अपने डेटा और एप्लीकेशंस का बैकअप बना सकते हैं और इससे disaster recovery के लिए तैयार रह सकते हैं आपके डाटा और एप्लीकेशन को Multiple Servers पर स्टोर किया जाता है जिससे आपके डाटा का नुकसान होने के चांसेस बहुत कम हो जाते हैं।

सुरक्षा (Security): 

कंप्यूटिंग की सबसे बड़ी फायदा यह है कि आपकी डाटा और एप्लीकेशंस को secure तरह से स्टोर किया जाता है cloud providers आपके डाटा को encrypt करके स्टोर करते हैं और आपकी डाटा के विरुद्ध अवैध एक्सेस के लिए बहुत सारे security measures भी होते हैं।

यह कुछ फायदे हैं जिन्हें आप क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करके पा सकते हैं।


क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान:

सुरक्षा (Security):

क्लाउड कंप्यूटिंग का सबसे बड़ा नुकसान सिक्योरिटी है। जब आप अपने डेटा को क्लाउड पर अपलोड करते हैं तो आप उस डेटा की सुरक्षा को लेकर डिपेंडेंट हो जाते हैं जो कि किसी थर्ड पार्टी प्रोवाइडर के कंट्रोल में होती है अगर प्रोवाइडर की security measures काम ना करें तो है hackers और cyber-attackers कर आपके डाटा को एक्सेस कर सकते हैं। Cloud Computing Kya hai

इंटरनेट पर निर्भरता (Dependence on Internet):

cloud computing के लिए इंटरनेट का कनेक्शन रहना बहुत जरूरी है। यदि इंटरनेट की कनेक्टिविटी में कोई प्रॉब्लम हो जाए तो आप अपने डेटा और एप्लीकेशंस तक नहीं पहुंच पाएंगे।

डाउनटाइम (Downtime): 

क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर का सर्वर डाउन होने से आपका एक एक्सेस रुक जाता है और आप अपने डाटा और एप्लीकेशन तक पहुंच नहीं पाते इसका असर आपके बिजनेस और काम पर और और बिजनेस और काम रुक जाएगा ।

डाटा सुरक्षा (Data Privacy):

क्लाउड कंप्यूटिंग Cloud Computing Kya hai in hindi में आपके डाटा को अनधिकृत एक्सेस से सुरक्षित करने के लिए encryption किया जाता है लेकिन encryption से भी कुछ limitations होते हैं जब आप अपने डाटा को शेयर करते हैं तो आपको उसका पूरा कंट्रोल नहीं होता।

वेंडर लॉक-इन (Vendor Lock-In):

अगर आप एक क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर को चुनते हैं तो आप उनके प्रोडक्ट और सर्विसेस पर डिपेंडेंट हो जाते हैं अगर आपको किसी दूसरे प्रोवाइडर पर स्विच करना है तो आपको अपने डेटा और applications को उस प्रोवाइडर में माइग्रेट करना पड़ सकता है। Cloud Computing Kya hai

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